मन में लहराता है

साभार गुगल
सागर कोई मन में लहराता है
मंद मुस्कान लिए कोई आता है.
कोंपल को स्नान करती बुँदे कहे  
सधा रस हौले बरसा कौन जाता है

मेरी सुधियों में जब तू आ जाता है
सुबह सुनहरी ओढ़ प्रीत सिखाता है
पाषण हुए  ह्रदय में सखी बसा हुआ
गीत बहला कर मुझे ही क्यों जाता है
आराधना राय "अरु"

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