Posts

Showing posts from December, 2016

अश्रु

कही आँख से निकला होगा कही अविरल बहता होगा दुख में सुख में अश्रुपूर्ण सी धारा कही कभी कुछ कहता होगा अश्रु बिंदु तुम्हारा नयनो में भर आता है अश्रु दीप बन सा हारा जी कर मरने तक का प्रण लेता कभी किसी हंसी के पीछे लहराता मधुरिम सा सहारा आज सुखों को देख है हँसता कभी दुख का राग सुनाता बहता अश्रु सा तारा आराधना राय आराधना राय