सच जीवन का



साभार गुगल


सच जीवन का
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सोच कर यही पाया ज़िन्दगी 
तेरे हाथ क्या आया
उम्र भर खोजते है जिसको हम
बता हाथ कि खाली लकीरों के
सिवा क्या पाया
एक पल कही खुशियाँ भी
खिलौना है
और कहीं गमगीन मातम पाया
जिंदगी सोच तूने क्या पाया
जुल्म करना जिनकी हो फ़ितरत
रो कर उन के सामने क्या पाया
आराधना राय "अरु"

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