निराली है
कीमत कैसी पत्थर तराश कर लगा डाली है
मज़बूरी दिल की नहीं हाथ अपना खाली है
बेख़ुदी ने राह में जगह अपनी तो बना ली है
मार डालो उफ ना करेगे ये हालात बना ली है
यहाँ आदमी वक़्त के हाथों कि कठपुतली है
जिंदा है पर जिंदगी हरएक की नपीतुली है
चाहों तो मर कर भी देख लो इकबार यहाँ पे
मर कर कोई शय किसको यहाँ पर मिली है
आँख-मिचोनी सी किसने खेल डाली है "अरु"
मौत के साथ यहाँ जिंदगी कितनी निराली है
आराधना राय "अरु"
मज़बूरी दिल की नहीं हाथ अपना खाली है
बेख़ुदी ने राह में जगह अपनी तो बना ली है
मार डालो उफ ना करेगे ये हालात बना ली है
यहाँ आदमी वक़्त के हाथों कि कठपुतली है
जिंदा है पर जिंदगी हरएक की नपीतुली है
चाहों तो मर कर भी देख लो इकबार यहाँ पे
मर कर कोई शय किसको यहाँ पर मिली है
आँख-मिचोनी सी किसने खेल डाली है "अरु"
मौत के साथ यहाँ जिंदगी कितनी निराली है
आराधना राय "अरु"