तूफान

शोर ऊँचा सुनाई देता है
जब भी बढ़ जाता है झूठ
 का तूफान
सच रह जाता है अकेला कही
मौन हो , तूफानों में अडिग
खड़ा हो जाता है
है सहज हार जाए तूफानों से
सच शक्ति है  वो नहीं
घबराता है
पांच पांडव थे दुर्योधन असंख्य
था महाभारत  जीतना दुष्कर
जीवन- मरण के पार उठ कर
पताका विजय कि पांडवों ने
फहराई थी
कृष्ण कि गीता अटल सत्य है
केवल-- कर्म ही धर्म है बात केवल
कृष्ण ने बताई थी
हार जाते है सौ झूठ दुर्योधन के
एक सत्य ही कर्म बन साथ
आता है---- गीता का पाठ हर
कोई कहाँ जीवन में उतार पाता है
सच अकेला कभी जब क्रोस पर
लटकाया जाता है -- कभी सुकरात
ईशु बन धरती पर स्वर्ग लाता है
यही है इतिहास जो अपने को बार
बार दोहराता है
आराधना राय "अरु"




Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

कोलाहल

नज्म बरसात

याद