मेरी सांसों में
साभार गुगल
मेरी सांसों में
मेरी सांसों में कविता
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तुम बसें हो मेरी सांसों में
मेरी धड़कन में तुम समाते हो
मैं थरथरा रही हूँ लों की तरह
तुम मेरे साथ -साथ जलते हो
गुम रह कर देख ली दुनियाँ
तुम अपनी साँस से महकते हो
तेरे संग रह कर पा लिया है तुझे
तुम मेरे रोम- रोम में बसते हो
मेरी नज़रों में धुंध सी रहती है
तुम किसी धूप सा मुस्कुराते हो
तेरे कदमों में ज़माना पड़ा
"अरु"तुम साया बन कर आते हो
आराधना राय "अरु"
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तुम बसें हो मेरी सांसों में
मेरी धड़कन में तुम समाते हो
मैं थरथरा रही हूँ लों की तरह
तुम मेरे साथ -साथ जलते हो
गुम रह कर देख ली दुनियाँ
तुम अपनी साँस से महकते हो
तेरे संग रह कर पा लिया है तुझे
तुम मेरे रोम- रोम में बसते हो
मेरी नज़रों में धुंध सी रहती है
तुम किसी धूप सा मुस्कुराते हो
तेरे कदमों में ज़माना पड़ा
"अरु"तुम साया बन कर आते हो
आराधना राय "अरु"
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