किसे बतलाऊँ

तूम से ना करते तो किस से शिकायत करते
उम्मीद तुम्ही से थी तो किस से तकाज़ा करते

माना के सितम कम ना हुए तुम्हारे इन वादों से
तूम से बांधी डोर आस की जीने- मरने के बाद की


दिल की बाते  क्या इकरार की इनकार तुमसे की
बंधन तूम से हर बंधा था अरमान का या प्यार का


 तुम्ही को जाना था धरती औरआसमान का रिश्ता
अब साथ नहीं है यदपि तुम्हारा बोलो किसे बतलाऊँ

आराधना रायअरु

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