रंग





सात रंग में रंग के दीन्ही
धानी. केसर,नीली, पीली
रंग दीन्हीं मोरी चुनरिया
हर रंग में मोहे रंग लीन्ही

सुध- बुध म्हारी सब लीन्ही
जग से अनजान कर दीन्ही
श्यामा तोरी प्रीत रंग साँचा
हिया  बरबस बस में कीन्हों

छाड़ चूकी सगरी ही नगरिया
डगर पिया की चल ही दीन्ही 
जागी अखियन रात को रोती
सारा जग भया मोरा परदेसी

आराधना राय अरु

Comments

  1. धन्यवाद शिवराज जी

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  2. बहुत ही सुंदर और रचना। आपको रंगोत्सव की बहुत बहुत बधाई। मेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है।

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    1. शुक्रिया जमशेद जी

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