गीत
साभार गूगल
गीत
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वो फ़साना ही कुछ और था
उसे देख कर सब चले गए
वो रास्ता ही कुछ और था
तू मिला नहीं बड़ी देर तक
निगाह में अब कौन था
मेरी भीगी पलकें उठी नहीं
वो मुस्कुराता सा कौन था
एक नींद थी बड़ी देर से
मेरी आँखों में आ कर रुक गई
मुझे उसका शिद्दत से इंतजार है
आराधन राय "अरु"
अतुकांत
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