अँधेरे और उजाले के बीच
साभार गूगल
अँधेरे और उजाले के बीच तुम मिलोगे तो सही
ज़िन्दगी बुझने लगेगी पर तुम मिलोगे तो सही
वक़्त डरा सहमा सा बैठा देख रोता है अब यही
अँधेरे और उजाले के बीच तुम मिलोगे तो सही
दम घुटने लगा ना जाने इस धुंधलके में ही कही
बैर और नफरतों से भरा कोई मिला मुझे यही
अँधेरे और उजाले के बीच तुम मिलोगे तो सही
जीवन - मृत्य के बीच के प्रयाण में दिखोगे यही
ना बुझ सके उस हर प्यास में तुम ही रहोगे यही
अँधेरे और उजाले के बीच तुम मिलोगे तो सही
आरधना राय "अरु"
सुंदर
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