गीत
बंद कागज़ पे लिखे है कुछ गीत तेरे उँगलियों ने छुई है प्रीत बस प्रीत तेरी लिख दिए है सभी ज़ज्बात सुहाने से धुप में जैसे इक शजर है साया बन के बंद कागज़ -------------------- तू ना आए तो शाम हंसी रुक जाए महकी महकी सी कोई साँस कही रुक जाए बात करती है तेरी बात रातों में आईना करता है तकरार