नज्म बरसात
अब के सावन में बरसात ना होगी इतना रोये है हम अब कोई बात ना होगी दिल जला कर क्या पा लिया तुझे अब के सपनों में भी वो रात ना होगी मरहले और भी है इक तेरी राहों के सिवा आरजू दिल में रहेगी मुलाकात ना होगी आए मुझे देखने कितने परवानो की तरह रश्क ए चमन में मगर वो बात ना होगी -----------अरु