आते हो
आते हो
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ईश्वर तुम धरती पे क्यों आते हो
लौट-लौट के चले जाते हो
पुकारते सभी अपनों को तुम हो
जिन्हे छोड़ के चले जाते हो
कह दूँ तुम भी प्रेम से वश में होते हो
कष्ट से तुम नहीं रोते हो
उसको मालूम है दुनियाँ का चलन
बेज़ुबाँ से अरु क्यों होते हो
आराधना राय "अरु"
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ईश्वर तुम धरती पे क्यों आते हो
लौट-लौट के चले जाते हो
पुकारते सभी अपनों को तुम हो
जिन्हे छोड़ के चले जाते हो
कह दूँ तुम भी प्रेम से वश में होते हो
कष्ट से तुम नहीं रोते हो
उसको मालूम है दुनियाँ का चलन
बेज़ुबाँ से अरु क्यों होते हो
आराधना राय "अरु"
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