तूम पूछो मैं बतलाऊँ
तूम पूछो मैं बतलाऊँ
मैं कहूँ तूम सुनते जाओ
जीवन की रीत अनोखी सी
जिसमें यूँ ही बहती जाऊँ
तूम पूछो मैं बतलाऊँ
चाँद अकेला ही रहता है
या ताका करता है धरती को
चन्द्र- चकोर की बातों की
प्रीत क्या तूम को सिखलाऊँ
तूम पूछो मैं बतलाऊँ
नहीं नाचता मयूर सा मनवा
थाप नहीं जब धड़कन की
तूम पूछो मैं बतलाऊँ
बदल - बिजुरी का क्या नाता
क्या दिल की बात समझाऊँ
बदरा बोले बिजली चमके
तब मन मयूर सा झनके
बोलो प्रीत की रीत समझाऊँ
तूम पूछो मैं बतलाऊँ
आराधना राय
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