कविता
कविता
---------------------------
---------------------------
उसको रोटी चाँद सी लगती है
मन बहलाने का नाद लगती है
चार दिन कड़ी धुप में रह कर
हर शए मुझे उन्माद सी लगती है
मन बहलाने का नाद लगती है
चार दिन कड़ी धुप में रह कर
हर शए मुझे उन्माद सी लगती है
रोज़ जीते - मरते जो पेट की खातिर
खाली पेट बात ना अच्छी लगती है
लड़े कोई हिन्दू मुसलमान के लिए
गरीब की बात हिंदुस्तान सी लगती है
खाली पेट बात ना अच्छी लगती है
लड़े कोई हिन्दू मुसलमान के लिए
गरीब की बात हिंदुस्तान सी लगती है
बात ये आम नहीं खास कही है हमने
"अरु" सुधरे क्या जिन्हे बात बुरी लगती है
आराधना राय "अरु "
"अरु" सुधरे क्या जिन्हे बात बुरी लगती है
आराधना राय "अरु "
बहुत बढ़िया ।
ReplyDeleteलड़े कोई हिन्दू मुसलमान के लिए
ReplyDeleteगरीब की बात हिंदुस्तान सी लगती है
...बिलकुल सही कहा है...बहुत सुन्दर और सटीक...
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete👌👍
ReplyDelete